Blood pressure की समस्या से आज अधिकतर लोग पीड़ित हैं। बहुत से लोग इस समस्या को गंभीरता से नहीं लेते और इससे जुड़ी अन्य बीमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं। रक्तचाप से पीड़ित लोगों में से कुछ लोगों को उच्च (हाई) ब्लड प्रेशर होता है तो कुछ लोगों को निम्न (लो) ब्लड प्रेशर की समस्या रहती है। यह दोनों ही खतरनाक है और दोनों से अलग-अलग तरह की समस्याएं होने लगती हैं।
कई मेडिकल रिपोर्टस के मुताबिक बीते कुछ सालों में ब्लड प्रेशर से जुड़े मरीजों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। इस समस्या से बचने के लिए ब्लड प्रेशर को समय-समय पर मापना चाहिए। यह जरूरी नहीं है कि इसके लिए आप डॉक्टर के पास ही जाएं। घर पर रक्तचापमापी (sphygmomanometer) द्वारा भी आप अपने ब्लड प्रेशर की जांच कर सकते हैं।
Blood pressure क्या है?
रक्त वाहिनियों (Blood vessels) में बहते रक्त द्वारा वाहिनियों की दीवारों ह्दय द्वारा डाले जाने दबाव को रक्तचाप (Blood pressure) कहते हैं। आसान शब्दों में कहे तो ब्लड प्रेशर वह दबाव या प्रेशर है जिसमें शरीर के चारों ओर ब्लड को हृदय के द्वारा पंप किया जाता है। रक्तचाप में बदलाव से धमनियों या हृदय पर अतिरिक्त तनाव उत्पन्न होता है। जिससे हृदय का दौरा (हार्ट अटैक) भी पड़ सकता है। इसलिए ब्लड प्रेशर को सामान्य बनाए रखना बहुत आवश्यक होता है।
ब्लड प्रेशर की रीडिंग को दो संख्याओं के माप के रूप में व्यक्त किया जाता है। जिसमें एक संख्या ऊपर और एक नीचे होती है। उदाहरण- 120/80 मिमी एचजी। इसमें से शीर्ष संख्या यानि ऊपर की संख्या आपके हृदय की मांसपेशियों के संकुचन के दौरान आपकी धमनियों में दबाव की मात्रा को दर्शाती करती है। इसे “सिस्टोलिक प्रेशर” कहते हैं। वहीं, नीचे की संख्या आपके उस रक्तचाप को संदर्भित (Referenced) करती है, जब आपके दिल की मांसपेशी धड़कनों के बीच होती है। इसे “डायस्टोलिक दबाव” कहा जाता है। यह दोनों संख्याएं आपके हृदय स्वास्थ्य की स्थित का निर्धारण करने में मदद करती हैं।
रक्तचाप की श्रेणियां:
रक्तचाप को तीन श्रेणियों में बांटा गया है, सामान्य रक्तचाप, उच्च रक्तचाप और निम्न रक्तचाप।
सामान्य रक्तचाप
हृदय रोग विशेषज्ञों के अनुसार, 120/80 मिमी एचजी से कम रक्तचाप (Blood Pressure) की संख्या को सामान्य सीमा के भीतर माना जाता है। यदि परिणाम इस श्रेणी में आते हैं, तो इसका अर्थ है कि आपका हृदय स्वस्थ तरीके से काम कर रहा है।
उच्च रक्तचाप
हृदय धमनियों के माध्यम (Medium) से रक्त को पूरे शरीर में भेजता है। शरीर की धमनियों में बहने वाले रक्त के लिए एक निश्चित दबाव जरूरी होता है। जब किसी वजह से यह दबाव अधिक बढ़ जाता है, ऐसे में धमनियों पर ज्यादा असर पड़ने लगता है। दबाव बढ़ने के कारण धमनियों में रक्त का प्रवाह बनाए रखने के लिये दिल को सामान्य से अधिक काम करना पड़ता है। इस स्थिति को उच्च Blood Pressure (हाई ब्लड प्रेशर) या हाइपरटेंशन कहते है। उच्च रक्तचाप में ब्लड प्रेशर रीडिंग 140/90 से ज्यादा होती है।

उच्च रक्तचाप के कारण–
- उच्च Blood Pressure का एक प्रमुख कारण मोटापा है। मोटे व्यक्ति में बी.पी. (Blood Pressure ) बढ़ने का खतरा आम व्यक्ति से अधिक होता है।
- जो लोग व्यायाम, खेलना-कूदना या अन्य कोई भी शारीरिक क्रिया नहीं करते और आलस्यपूर्ण जीवन जीते हैं, उन्हें भी रक्तचाप की समस्या हो सकती है।
- शुगर, किडनी के रोग या दिल की बीमारियों से ग्रसित लोगों की रक्त धमनियां कमजोर होती हैं, इस कारण भी उच्च रक्तचाप की समस्या बन जाती है।
- बर्गर, पिज्जा, चाऊमिन तथा मोमोज आदि खाने से भी बी.पी. बढ़ जाता है।
- प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला को भी उच्च रक्तचाप की समस्या होती है।
उच्च रक्तचाप के लक्षण–
- हाई Blood Pressure की समस्या में कुछ इस प्रकार के लक्षण दिखाई देते है।
- नाक से खून बहने जैसी समस्या हो सकती है।
- सिर दर्द होता है और लगातार सिर में दर्द बना रहता है।
- मूत्र में खून आना भी उच्च रक्तचाप का एक लक्षण है।
- सांस लेने में परेशानी होती है।
उच्च रक्तचाप के घरलू उपाय–
- हाई Blood Pressure के मरीजों को नंगे पैर हरी घास पर 10-15 मिनट तक चलना चाहिए। रोजाना घास पर चलने से ब्लड प्रेशर नॉर्मल होने लगता है।
- लहसुन ब्लड प्रेशर ठीक करने में बहुत मददगार होता है। इससे हाई बी.पी. को नियंत्रित किया जा सकता है।
- सुबह-शाम आंवले का रस और शहद मिलाकर लेने से हाई ब्लड प्रेशर में लाभ होता है।
- जब ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ हो तो गुनगुने पानी में थोड़ी सी काली मिर्च पाउडर का घोल बनाकर हर दो घंटे के बाद पिएं। इससे हाई ब्लड प्रेशर के लक्षणों का उपचार होता है।
- उच्च रक्तचाप के नियंत्रण में तरबूज बेहद लाभदायक होता है। बराबर मात्रा में तरबूज के बीज की गिरी तथा खसखस को अलग-अलग पीसकर रख लें। रोजाना एक चम्मच इसके मिश्रण का सेवन करें।
- ब्लड प्रेशर बढ़ने के दौरान एक गिलास पानी में आधा नींबू निचोड़कर तीन-तीन घण्टे के अन्तर में पीना चाहिए। इससे उच्च रक्तचाप ठीक होता है।
निम्न रक्तचाप (Low Blood Pressure)–
जब शरीर में रक्त का प्रवाह सामान्य से कम होता है तो उसे निम्न रक्तचाप या लो Blood Pressure कहते है। लो ब्लड प्रेशर में शरीर में ब्लड का दबाव कम होने से आवश्यक अंगों तक पूरा ब्लड नही पहुंच पाता जिससे उनके कार्यो में बाधा पहुंचती है। ऐसे में दिल, किडनी, फेफड़े और दिमाग आंशिक रूप से या पूरी तरह काम करना भी बंद कर सकते हैं। निम्न रक्तचाप में ब्लड प्रेशर रीडिंग 90 से कम होती है।
निम्न रक्तचाप के कारण–
रक्तचाप निम्न होने के बहुत सारे कारण होते हैं जिनमें से निम्नलिखित मुख्य कारण हैं।
- कई बार शरीर में रक्त की कमी से भी निम्न रक्तचाप बन जाता है, जैसे किसी बड़ी चोट के कारण अंदरूनी रक्तस्राव के वजह से शरीर में अचानक खून की कमी हो जाना। इससे रक्तचाप निम्न हो जाता है।
- शरीर में जरुरी पोषक तत्वों की कमी होने पर शरीर पर्याप्त मात्रा में लाल रक्त कोशिकाएं नहीं बना पाता। इस कारण भी रक्तचाप निम्न हो जाता है।
- हृदय रोग से ग्रसित व्यक्ति का भी रक्तचाप निम्न हो सकता है। इसलिए ऐसे लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरुरत होती है।
- गर्भावस्था के समय महिलाओं में लो ब्लडप्रेशर की समस्या हो सकती है। क्योंकि इस समय सर्कुलेटरी सिस्टम तेजी से काम करता है और ब्लडप्रेशर कम हो जाता है।
निम्न रक्तचाप के लक्षण-
- शरीर में पानी की कमी होने के कारण बार-बार प्यास लगना।
- रक्त की कमी से शरीर ठंडा और पीला पड़ने लगता है।
- सांसे लेने में दिक्कत होना या ठीक से सांस न ले पाना।
- निम्न रक्तचाप से पीड़ित व्यक्ति को देखने में भी कठिनाई होने लगती है।
- निम्न रक्तचाप होने पर मरीज खुद को अवसाद में महसूस करता है।
निम्न रक्तचाप के घरेलू उपाय-
- कैफीन उत्पाद जैसे चाय या कॉफी ब्लड प्रेशर को बढ़ाने में सहायता करते हैं। जब आपका Blood Pressure अचानक गिर जाता है तो एक कप कॉफी या चाय पीने से ब्लड प्रेशर को नार्मल होने में मदद मिलती है।
- छाछ में नमक, हींग और भुना हुआ जीरा मिलाकर सेवन करते रहने से भी ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है।
- लो बीपी के कारण अगर चक्कर आने की शिकायत हो तो आंवले के रस में शहद मिलाकर खाने से बहुत जल्दी राहत मिलती है। इसके अलावा ब्लड प्रेशर के रोगियों के लिए आंवले का मुरब्बा भी एक बेहतर विकल्प माना जाता है।
- दूध में खजूर को उबालकर पीने से भी निम्न रक्तचाप की समस्या में फायदा होता है।
- लो Blood Pressure में गाजर और पालक का रस पीना फायदेमंद होता है।
कब जाएं डॉक्टर के पास?
ब्लड प्रेशर के निम्नलिखित लक्षणों के दिखते ही मरीज को तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।
- सीने में दर्द और भारीपन महसूस होने पर।
- सांस लेने में परेशानी होने पर।
- सिर में दर्द, शरीर में कमजोरी या धुंधला दिखाई देने पर।
- शरीर के पीला पड़ने पर।
- आधी-अधूरी और तेज सांस आने पर।
- छाती में दर्द या गर्दन का अकड़ जाना तो बिना कोई देर किये तुरंत किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
कैसे करें रक्तचाप की जांच?
Blood Pressure की जांच करने के लिए रक्त दाबमापी (Sphygmomanometer) उपकरण का उपयोग किया जाता है। यह सामान्य और डिजिटल दोनों प्रकार का होता है। अगर आप घर में इसका उपयोग कर रहे है तो Mercury Sphygmomanometer का इस्तेमाल करना अच्छा होता है।
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