वायरल बुखार क्या है? कारण, लक्षण और इससे बचाव के घरेलू इलाज

परिचय

बरसात का मौसम हो या सर्दी-गर्मी का बदलता समय, इस दौरान अक्सर लोग बुखार से परेशान हो जाते है| खासकर जब तापमान में अचानक बदलाव होता है तो हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) कमजोर हो जाती है और हमें जल्दी संक्रमण पकड़ लेता है। ऐसे ही संक्रमण के कारण होने वाला एक सामान्य लेकिन परेशान करने वाला रोग है वायरल बुखार (Viral Fever)। यह बुखार हमारे शरीर में मौजूद वायरस के संक्रमण से होता है| आमतौर पर यह बहुत संक्रामक होता है यानी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकता है।
वायरल बुखार आमतौर पर 3 से 7 दिनों तक रहता है और यह कई दिनों तक शरीर को कमजोर बना देता है और रोजमर्रा की जिंदगी की प्रभावित करता है| अक्सर लोग पूछते हैं कि– “वायरल बुखार क्यों होता है?” यह समझने के लिए हमें यह जानना होगा कि वायरल बुखार किसी सामान्य बुखार की तरह नहीं है, बल्कि यह वायरस से होने वाला संक्रमण है|

आज हम वायरल फीवर के बारें में विस्तार से समझेंगे:

वायरल बुखार क्या होता है?
यह क्यों होता है?
इसके मुख्य कारण और फैलने के तरीके
इसके लक्षण कैसे पहचानें?
इससे बचाव के घरेलू उपाय और इलाज
कब डॉक्टर को दिखाना ज़रूरी है

वायरल बुखार का घरलू इलाज | Home Remedies for VIral Fever

वायरल बुखार क्या है? (What is a Viral Fever?)

वायरल बुखार एक प्रकार का संक्रमणजनित बुखार है जो वायरस के कारण होता है। यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। यह वायरस जब हमारे शरीर में प्रवेश करता है तो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immune System) उससे लड़ने की कोशिश करती है। इसी प्रक्रिया के दौरान शरीर का तापमान बढ़ जाता है जिसे हम बुखार कहते हैं।

सरल शब्दों में:
वायरल बुखार कोई अलग बीमारी नहीं है, बल्कि यह एक लक्षण है कि आपके शरीर में कोई वायरस संक्रमण फैला हुआ है।

वायरल बुखार क्यों होता है? (Why does Viral Fever Occur?)

वायरल बुखार शरीर में वायरस के संक्रमण के कारण होता है। यह संक्रमण आमतौर पर मौसम बदलने, दूषित पानी या भोजन, गंदगी, मच्छरों के बढ़ने और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। जब वायरस हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं तो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता उनसे लड़ने के लिए सक्रिय हो जाती है और इसी प्रक्रिया में शरीर का तापमान बढ़ जाता है, जिसे हम वायरल बुखार कहते हैं। कमजोर इम्युनिटी वाले लोग, बच्चे और बुजुर्ग इस बीमारी से जल्दी प्रभावित होते हैं।

वायरल बुखार के कारण (Causes of Viral Fever)

वायरल फीवर कई तरह के वायरस से हो सकता है। वायरल बुखार होने के मुख्य कारण और फैलने के तरीके इस प्रकार हैं:

1. वायरस का संक्रमण

  • वायरल बुखार आने का सबसे बड़ा कारण है वायरस का शरीर में प्रवेश करना।
  • यह वायरस हवा, पानी, भोजन या संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से हमारे शरीर में पहुँच जाते हैं।

2. संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना

  • अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति के नज़दीक आते हैं जिसे पहले से वायरल है, तो छींकने, खाँसने या हाथ मिलाने से यह आसानी से फैल सकता है।
  • उस व्यक्ति के बर्तन और तौलिए का इस्तेमाल करने से भी यह फैल सकते हैं।

3. मौसम में बदलाव

  • जब मौसम अचानक बदलता है, जैसे गर्मी से बारिश या बारिश से सर्दी, तब शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता थोड़ी कमजोर हो जाती है।
  • इस समय वायरस तेजी से फैलते है और जल्दी पकड़ लेते हैं जिसके कारण वायरल फीवर हो जाता है।

4. दूषित पानी और भोजन

  • खुले में रखा हुआ या गंदा भोजन और दूषित पानी वायरस को जन्म देता है।
  • इससे पेट के संक्रमण के साथ-साथ बुखार भी हो जाता है।

5. गंदगी और स्वच्छता की कमी

  • घर और आसपास गंदगी होना, मच्छरों का बढ़ना, और साफ-सफाई की कमी वायरल बुखार फैलने की बड़ी वजह है।
  • गंदगी, नमी और मच्छरों का बढ़ना भी इसके प्रमुख कारण हैं।

6. कमजोर इम्युनिटी

  • जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर होती है, उन्हें वायरल संक्रमण जल्दी पकड़ लेता है।
  • छोटे बच्चे और बुजुर्ग इस वजह से ज्यादा प्रभावित होते हैं।

7. भीड़भाड़ वाली जगहें

  • स्कूल, ऑफिस, हॉस्पिटल या बस-ट्रेन जैसे पब्लिक प्लेस पर वायरल संक्रमण तेजी से फैलता है।
  • भीड़भाड़ वाली सार्वजनिक जगहों पर यह वायरस सबसे तेज़ फैलता है।

वायरल बुखार के लक्षण (Symptoms of Viral Fever)

वायरल बुखार के लक्षण शरीर में वायरस के संक्रमण के असर को दर्शाते हैं। यह सामान्य बुखार से मिलता-जुलता होता है, लेकिन इसमें कुछ खास संकेत होते है जो इसे पहचानने में मदद करते हैं। इसके मुख्य लक्षण निम्न प्रकार है:

1. बुखार (Fever)

  • इसका सबसे सामान्य लक्षण शरीर का तापमान बढ़ना है।
  • इसमें शरीर का तापमान आमतौर पर 100° से 104° तक बढ़ सकता है।
  • इसमें कभी-कभी बुखार अचानक चढ़ता और उतरता रहता है।

2. ठंड लगना और कंपकंपी होना (Chills and Shivering)

  • वायरल के कारण शरीर में अचानक ठंड लगना और काँपना होना आम बात है।
  • यह लक्षण शरीर के इम्यून सिस्टम के प्रतिक्रिया का संकेत है।

3. थकान और कमजोरी (Fatigue and Weakness)

  • इससे शरीर बहुत थका हुआ महसूस करता है।
  • सामान्य कामकाज करना मुश्किल हो जाता है और ऊर्जा कम हो जाती है।

4. सिरदर्द (Headache)

  • लगातार हल्का या तेज़ सिरदर्द viral infection का सामान्य लक्षण है।
  • इसके कारण आंखों के पीछे या माथे में दर्द महसूस हो सकता है।

5. शरीर और जोड़ों में दर्द (Body and Joint Pain)

  • हाथ-पांव, कमर में दर्द या अकड़न viral fever के आम लक्षण है।
  • कभी-कभी पूरे शरीर में कमजोरी और दर्द के साथ तेज बुखार आता है।

6. गले में खराश और खाँसी (Sore Throat and Cough)

  • गले में जलन, खराश या सूजन viral infection के कारण होती है।
  • इसमें खाँसी और छींक भी आम लक्षण हैं।

7. नाक बहना या बंद होना (Runny or Stuffy Nose)

  • वायरल संक्रमण के कारण नाक में जलन, बहना या बंद होना आम है।

8. भूख कम लगना (Loss of Appetite)

  • बुखार और थकान के कारण खाना खाने का मन नहीं करता है और भूख कम लगती है।

9. आंखों में जलन या पानी आना

  • इस संक्रमण के कारण आँखे जलन करती है और कभी-कभी आँखों से आंसू आने लगते है|

10. बार-बार पसीना आना

  • हमारे शरीर का तापमान बढ़ जाने से बार-बार पसीना आने लगता है और तेज गर्मी महसूस होती है|

नोट:
वायरल बुखार के ये लक्षण आमतौर पर 3-7 दिन में धीरे-धीरे कम हो जाते हैं। यदि बुखार ज्यादा समय तक रहता है या तेज़ लक्षण दिखते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

बच्चों में वायरल बुखार के क्या लक्षण हो सकते है? (Symptoms of Viral Fever in Children)

बच्चों में वायरल फीवर अक्सर अलग तरीके से दिखाई देता है क्योंकि उनके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immune System) वयस्कों की तुलना में बहुत कमज़ोर होती है। इसलिए माता-पिता को इसके लक्षण पहचानने में सतर्क रहना चाहिए। आइए जानते है बच्चों में वायरल बुखार के लक्षण के बारें में:

1. लगातार बुखार का आना (Persistent Fever)

  • बच्चों में वायरल बुखार सबसे पहले और सबसे आम लक्षण होता है।
  • यह बुखार हल्का से लेकर तेज़ तक हो सकता है।
  • कभी-कभी बुखार चढ़ता-उतरता रहता है।

2. चिड़चिड़ापन और अधिक रोना (Irritability)

  • संक्रमित बच्चे सामान्य से अधिक चिड़चिड़ा या बेचैन हो जाते हैं।
  • उन्हें खेलकूद या दिनचर्या में रुचि नहीं रहती।
  • बार-बार रोना भी इसका मुख्य लक्षण है|

3. भूख कम लगना (Loss of Appetite)

  • वायरल बुखार से बच्चे का खाना खाने का मन कम होता है।
  • कभी-कभी दूध या भोजन पूरी तरह से मना कर देते हैं।

4. उल्टी और दस्त (Vomiting and Diarrhea)

  • कुछ बच्चों में वायरल बुखार पेट संबंधी समस्याओं के साथ आता है।
  • जिसमें उल्टी और दस्त होना आम हैं, यह शरीर को कमजोर कर सकते हैं।

5. थकान और कमजोरी (Fatigue and Weakness)

  • बच्चे ज्यादा सोते हैं और खेलने या चलने-फिरने में रुचि नहीं दिखाते।
  • सामान्य गतिविधियों में कमजोरी महसूस होती है और बच्चे सुस्त रहते है|

6. ठंड लगना और कंपकंपी (Chills and Shivering)

  • बुखार के दौरान बच्चे ठंड या कंपकंपी महसूस कर सकते हैं।
  • कभी-कभी उनके हाथ-पांव ठंडे हो जाते हैं।

7. नाक बहना या बंद होना (Runny or Stuffy Nose)

  • वायरल संक्रमण के कारण नाक में बहाव या बंद होना सामान्य होता है।
  • खाँसी और गले में खराश भी दिखाई दे सकती है।

8. आंखों में जलन या पानी आना (Watery or Irritated Eyes)

  • कुछ बच्चों में आंखों में जलन, लालिमा या पानी आने की समस्या हो सकती है।

9. शरीर और जोड़ों में दर्द (Body and Joint Pain)

  • बच्चे अक्सर शरीर में दर्द या अकड़न की शिकायत करते हैं।
  • कमर, हाथ-पैर और सर में दर्द आम है।

बच्चों में सतर्कता की बातें:

  • अगर बुखार 3-4 दिन से ज्यादा बने रहे।
  • तेज़ बुखार (104°F से अधिक) या लगातार उल्टी-दस्त हो।
  • बच्चे बहुत सुस्त हों या पानी/दूध न लें।
  • शरीर पर लाल चकत्ते या असामान्य निशान दिखें।
  • इन स्थितियों में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।

वायरल बुखार और डेंगू, मलेरिया में क्या फर्क है?

कई बार लोग वायरल फीवर को डेंगू या मलेरिया समझ बैठते हैं। लेकिन इनमें अंतर है, आइए उस अंतर के बारे में जानते है:

  • वायरल बुखार: साधारण वायरस से होता है और सामान्य 3-7 दिन में ठीक हो जाता है।
  • डेंगू: प्लेटलेट्स कम करता है, शरीर पर लाल दाने और तेज़ कमजोरी होती है।
  • मलेरिया: मच्छर से फैलता है, बुखार चढ़ता-उतरता रहता है।

वायरल बुखार से बचाव के घरेलू इलाज (Home Remedies for Preventing Viral Fever)

इसकी कोई विशेष दवा नहीं है क्योंकि यह वायरस से होता है। डॉक्टर आमतौर पर आराम, तरल पदार्थ, और लक्षणों के हिसाब से दवाएँ देते हैं। लेकिन घरेलू नुस्खे अपनाकर इसे जल्दी ठीक किया जा सकता है। वायरल बुखार से राहत पाने के घरेलू इलाज निम्न है:

1. तुलसी का काढ़ा
तुलसी की पत्तियों को पानी में उबालकर उसमें अदरक और काली मिर्च डालें।
यह वायरस को खत्म करने और बुखार उतारने में बहुत कारगर है।

2. अदरक-शहद
अदरक का रस और शहद मिलाकर दिन में 2-3 बार लें।
यह गले की खराश और खाँसी में आराम देता है।

3. गुनगुना पानी
ज्यादा से ज्यादा गुनगुना पानी पिएं।
यह शरीर से विषैले तत्व (Toxins) बाहर निकालता है और डिहाइड्रेशन नहीं होने देता।

4. हल्का और पौष्टिक आहार
खिचड़ी, दलिया, सूप, हरी सब्जियाँ लें।
तैलीय और मसालेदार खाना न खाएं।

5. आराम करें
वायरल बुखार में शरीर को सबसे ज्यादा ज़रूरत आराम की होती है।
पर्याप्त नींद लें और शरीर को आराम दें।

6. गिलोय का रस
गिलोय को आयुर्वेद में “अमृता” कहा जाता है।
इसका रस या काढ़ा बुखार को जल्दी कम करता है और इम्युनिटी बढ़ाता है।

7. भाप लेना
नाक बंद और खाँसी के लिए भाप (Steam) लेना फायदेमंद है।
इसमें पुदीना या अजवाइन डाल सकते हैं।

8. नींबू-पानी
नींबू पानी या नारियल पानी पीने से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी नहीं होती।

वायरल बुखार से बचाव के उपाय (Measures to Prevent Viral Fever)

  • भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
  • हाथ बार-बार धोएं और साफ-सफाई रखें।
  • गंदा पानी या बासी खाना न खाएं।
  • मच्छरों से बचाव करें।
  • इम्युनिटी बढ़ाने के लिए संतुलित आहार लें।
  • मौसमी फल जैसे संतरा, अमरूद, नींबू खाएँ जिनमें विटामिन C ज्यादा होता है।

कब डॉक्टर से कब संपर्क करें?

अगर वायरल बुखार 3-4 दिनों से ज्यादा रहे या लक्षण बहुत गंभीर हों तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। खासकर इन हालात में:

  • बुखार लगातार 104 डिग्री से ज्यादा रहे
  • तेज़ सिरदर्द या सांस लेने में कठिनाई हो
  • शरीर पर लाल चकत्ते या खून आना
  • बच्चों में बार-बार उल्टी-दस्त
  • अत्यधिक कमजोरी और चक्कर आना

निष्कर्ष

वायरल बुखार आम तौर पर गंभीर नहीं होता है, लेकिन इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए| सही समय पर इसके उपचार और बचाव से बड़ी समस्या से बचा जा सकता है| वायरल फीवर होने के पीछे मुख्य वजह है वायरस का संक्रमण, जो हवा, पानी, भोजन और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से फैलता है। साथ ही मौसम बदलना, गंदगी, कमजोर इम्युनिटी और साफ-सफाई की कमी इसे और बढ़ा देती है। यह आम तौर पर आराम, पौष्टिक आहार व घरेलू नुस्खों से 5-7 दिनों में ठीक हो जाता है।
इसलिए, अगर आप इससे बचना चाहते है तो हमेशा साफ़ का ध्यान रखें, पौष्टिक आहार लें और अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाए रखें। अच्छी इम्युनिटी और समय पर आराम ही वायरल बुखार से बचने की सबसे बड़ी दवा है।

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