गेंहू के औषधीय गुण

गेंहू के औषधीय गुण

गेंहू के औषधीय गुण

गेंहू भारतीय रसोई में सबसे महत्वपूर्ण अनाजों में से एक है। यह न केवल भोजन का प्रमुख स्रोत है बल्कि इसके औषधीय गुणों के कारण भी इसे विशेष मान्यता प्राप्त है। प्राचीन समय से ही गेंहू का उपयोग विभिन्न बीमारियों और स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार में किया जाता रहा है। यहाँ हम गेंहू के कुछ प्रमुख औषधीय गुणों और उनके स्वास्थ्य लाभों पर चर्चा करेंगे।

गेंहू के औषधीय गुण

1. खांसी का इलाज

गेंहू का उपयोग खांसी को दूर करने के लिए किया जा सकता है। इसके लिए 20 ग्राम गेंहू के दानों को नमक के साथ मिलाकर 250 ग्राम पानी में उबालें। इस मिश्रण को लगभग एक सप्ताह तक रोज़ाना पीने से खांसी में राहत मिलती है। यह उपाय खांसी को कम करने और गले की खराश को ठीक करने में मदद करता है।

2. पेट दर्द (उदर शूल)

उदर शूल या पेट दर्द के इलाज के लिए गेंहू की दलिया में चीनी और बादाम गिरी मिलाकर सेवन करने से लाभ होता है। यह मिश्रण मस्तिष्क और दिमाग की कमजोरी को दूर करता है और नपुंसकता तथा छाती में होने वाली पीड़ा को शांत करता है। यह उपाय पेट दर्द को कम करने में विशेष रूप से प्रभावी है।

3. खुजली और त्वचा की जलन

त्वचा की खुजली और जलन को कम करने के लिए गेंहू के आटे को गूंधकर त्वचा पर लगाया जा सकता है। यह उपाय त्वचा की जलन, बिना पके फोड़े-फुंसी और जलने पर ठंडक और राहत प्रदान करता है। गेंहू का आटा त्वचा के लिए एक प्राकृतिक शीतलन एजेंट के रूप में कार्य करता है।

4. हड्डी टूटना (अस्थि भंग)

गेंहू का उपयोग हड्डी टूटने के उपचार में भी किया जा सकता है। थोड़े से गेंहू को तवे पर भूनकर पीस लें और इसमें शहद मिलाकर चाटें। इसे कुछ दिनों तक नियमित रूप से सेवन करने से हड्डी टूटने की समस्या में सुधार होता है। यह उपाय हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है और जल्दी स्वस्थ होने में मदद करता है।

5. कीड़े के काटने का उपचार

यदि कोई जहरीला कीड़ा काट ले तो गेंहू के आटे में सिरका मिलाकर दंश स्थान पर लगाना चाहिए। यह उपाय कीड़े के जहर को निष्क्रिय करने और दर्द और सूजन को कम करने में मदद करता है।

6. बालतोड़ (बाल टूटने से फोड़ा)

शरीर के किसी भी अंग पर बाल टूट जाने से फोड़ा हो जाता है, जो अत्यंत दर्दनाक और कष्टदायक होता है। इसमें गेंहू के दाने चबाकर खाने से 2-3 दिनों में ही लाभ होता है। यह उपाय फोड़े को जल्दी ठीक करने में मदद करता है।

7. पथरी

गेंहू और चने को उबालकर उसका पानी रोगी को पिलाने से मूत्राशय और गुर्दे की पथरी गलकर निकल जाती है। यह उपाय पथरी को प्राकृतिक तरीके से निकालने में प्रभावी है और बिना किसी सर्जिकल हस्तक्षेप के पथरी की समस्या को हल करने में मदद करता है।

गेंहू के औषधीय गुण

गेंहू का चोकर और उसके फायदे

गेंहू का चोकर, जिसे गेंहू का बाहरी आवरण भी कहा जाता है, स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है। इसमें अघुलनशील फाइबर होता है, जिसे सैलूलोज कहते हैं। इसके अलावा, इसमें कैल्शियम, सिलेनियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, फॉस्फोरस जैसे खनिज और विटामिन ई और बी-कॉम्प्लेक्स पाए जाते हैं।

1. पाचन तंत्र को मजबूत बनाना

हमारी पाचनशक्ति और सामान्य तंदुरुस्ती में फाइबर की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। आहार में फाइबर की कमी होने से पाचनतंत्र उपयुक्त ढंग से काम नहीं करता है। गेंहू का चोकर पाचनतंत्र को मजबूत बनाता है और पाचन संबंधी समस्याओं से राहत दिलाता है।

2. कब्ज से राहत

कई वैज्ञानिक शोधों से यह प्रमाणित हुआ है कि कब्ज दूर करने और सहज शौच के लिए गेंहू का चोकर सबसे अच्छा फाइबर है। यह पाचन तंत्र में पदार्थों की गति बनाए रखता है और पेट फूलने और सुस्ती जैसी पाचन संबंधी गड़बड़ियों को कम करता है। नियमित रूप से गेंहू का चोकर सेवन करने से पाचन संबंधी परेशानियों से राहत मिलती है।

3. आहार में फाइबर का महत्व

अच्छी सेहत के लिए विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ खाना आवश्यक है। गेंहू का चोकर फाइबर का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, जो शरीर के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। यह पाचन तंत्र की कार्यक्षमता को बढ़ाता है और शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है।

गेंहू के औषधीय गुण

निष्कर्ष

गेंहू और इसके विभिन्न घटकों का उपयोग हमारे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है। इसके औषधीय गुणों का सही तरीके से उपयोग करके हम कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं से निजात पा सकते हैं। गेंहू के दानों, आटे और चोकर को अपने दैनिक आहार में शामिल करने से न केवल हमारे पाचन तंत्र को मजबूती मिलती है, बल्कि हमारी समग्र स्वास्थ्य स्थिति में भी सुधार होता है। इन घरेलू उपचारों और नुस्खों को अपनाकर हम प्राकृतिक तरीके से अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं।

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