आयुर्वेद के मुताबिक आहार

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दूध के साथ दही लें या नहीं?

दूध और दही की तासीर अलग-अलग होती है। दही एक खमीर वाली चीज़ है और दोनों को मिलाने से बिना खमीर वाला दूध खराब हो सकता है। इससे एसिडिटी, गैस, अपच, और उल्टी जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। अगर दोनों को खाना हो, तो कम से कम घंटे-डेढ़ घंटे का अंतर रखें ताकि पाचन सही हो सके।

दूध के साथ तला-भुना और नमकीन खाएं या नहीं?

दूध में मिनरल, विटामिन, लैक्टोस शुगर, और प्रोटीन होते हैं। ज्यादा मिक्सिंग करने से रिएक्शन हो सकते हैं और नमक मिलाने से मिल्क प्रोटींस जम जाते हैं। यह पोषण को कम करता है और लंबे समय तक ऐसा करने से त्वचा संबंधी बीमारियाँ हो सकती हैं। आयुर्वेद के अनुसार, उलटे गुणों वाले खाने लंबे समय तक साथ खाने से नुकसान पहुंचा सकते हैं।

सोने से पहले दूध पीना चाहिए या नहीं?

आयुर्वेद के अनुसार, नींद शरीर के कफ दोष से प्रभावित होती है। दूध का भारीपन, मिठास, और ठंडा मिजाज नींद लाने में मदद करता है। मॉडर्न साइंस भी इसे नींद के लिए सहायक मानता है। दूध सेरोटोनिन हॉर्मोन बढ़ाता है, जो दिमाग को शांत करता है। दूध में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, और कैल्शियम होते हैं, इसलिए इसे अकेले पीना ही बेहतर है। बिस्किट, रस्क, बादाम या ब्रेड के साथ ले सकते हैं, लेकिन भारी खाना न खाएं।

दूध में पत्ती या अदरक आदि मिलाने से सिर्फ स्वाद बढ़ता है, उसका मिजाज नहीं बदलता। वैसे, टोंड दूध को उबालकर पीना, खीर बनाकर या दलिया में मिलाकर लेना और भी फायदेमंद है। बहुत ठंडे या गर्म दूध की बजाय गुनगुना या कमरे के तापमान के बराबर दूध पीना बेहतर है।

नोट : अक्सर लोग मानते हैं, कि सर्जरी या टांके आदि के बाद दूध नहीं लेना चाहिए क्योंकि इससे पस पड़ सकती है, यह गलतफहमी है। दूध में मौजूद प्रोटीन शरीर की टूट-फूट को जल्दी भरने में मदद करते हैं। दूध दिन भर में कभी भी ले सकते हैं। सोने से कम-से-कम एक घंटे पहले लें। दूध और डिनर में भी एक घंटे का अंतर रखें।

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खाने के साथ छाछ लें या नहीं?

छाछ एक बेहतरीन ड्रिंक है जो पाचन को सुधारती है और पोषण बढ़ाती है। इसमें काली मिर्च, जीरा, और सेंधा नमक मिलाने से और भी फायदेमंद हो जाती है। छाछ में अच्छे बैक्टीरिया होते हैं जो शरीर के लिए लाभकारी हैं। मीठी लस्सी से बचें क्योंकि इसमें फालतू कैलोरी होती है। छाछ को खाने के साथ या बाद में लेना बेहतर है।

दही और फल एक साथ लें या नहीं?

फलों में अलग एंजाइम होते हैं और दही में अलग, इसलिए दोनों को साथ लेने की सलाह नहीं दी जाती। फ्रूट रायता कभी-कभी लिया जा सकता है, लेकिन बार-बार नहीं।

दूध के साथ फल खाने चाहिए या नहीं?

दूध के साथ फल लेने से कैल्शियम फलों के एंजाइम्स को अवशोषित कर लेता है, जिससे पोषण नहीं मिलता। संतरा और अनन्नास जैसे खट्टे फल दूध के साथ बिल्कुल नहीं लेने चाहिए। व्रत में केला और दूध सही नहीं है क्योंकि दोनों कफ बढ़ाते हैं। चाय, कॉफी, या कोल्ड ड्रिंक के साथ ज्यादा कैफीन लेने से भी पोषक तत्व नहीं मिलते।

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मछली के साथ दही  पिएं या नहीं?

दही की तासीर ठंडी है और इसे किसी भी गर्म चीज के साथ नहीं लेना चाहिए। मछली की तासीर गर्म होती है, इसलिए उसे दही के साथ खाने से गैस, एलर्जी और त्वचा की बीमारियाँ हो सकती हैं। इसके अलावा, शहद को भी गर्म चीजों के साथ नहीं खाना चाहिए।

फल खाने के फौरन बाद पानी पी सकते हैं?

फल खाने के तुरंत बाद पानी पी सकते हैं, लेकिन दूसरे तरल पदार्थों से बचना चाहिए। फलों में फाइबर होता है और कैलोरी कम होती है। तरबूज या खरबूज को अकेले और खाली पेट खाना बेहतर है क्योंकि इनमें पानी ज्यादा होता है जो पाचन रसों को डाइल्यूट कर देता है। तरबूज के साथ पानी पीने से लूज मोशन हो सकते हैं।

ये आहार संबंधी दिशा-निर्देश आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और पाचन तंत्र को मजबूत रखने में मदद करेंगे। आयुर्वेद के इन सिद्धांतों को अपनाकर आप स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।

खाने के साथ फल नहीं खाने चाहिए।

कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन के पाचन की प्रक्रिया भिन्न-भिन्न होती है। कार्बोहाइड्रेट को पचाने वाला लार एंजाइम (सलाइवा एंजाइम) एक एल्कलाइन माध्यम में प्रभावी ढंग से कार्य करता है, जबकि नींबू, संतरा, और अनन्नास जैसे खट्टे फल एसिडिक होते हैं। जब इन दोनों को एक साथ खाया जाता है, तो कार्बोहाइड्रेट या स्टार्च का पाचन धीमा हो जाता है, जिससे कब्ज, डायरिया या अपच की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसके अतिरिक्त, फलों के पाचन में लगभग दो घंटे लगते हैं, जबकि सामान्य भोजन के पाचन में चार-पांच घंटे लगते हैं। मॉडर्न मेडिकल साइंस के अनुसार, पेट में पहुँचने पर फलों का पाचन एल्कलाइन हो जाता है। इसके अलावा, शरीर में जाकर सभी चीजें कार्बोहाइड्रेट, फैट, और प्रोटीन में परिवर्तित हो जाती हैं, इसलिए मॉडर्न मेडिकल साइंस विभिन्न प्रकार के फलों को मिलाकर खाने की सलाह देती है।

मीठे फल और खट्टे फल एक साथ न खाएं

आयुर्वेद के अनुसार, संतरा और केला एक साथ नहीं खाना चाहिए। खट्टे फल मीठे फलों की शुगर के पाचन में रुकावट डालते हैं, जिससे पाचन में समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। इसके अलावा, फलों की पौष्टिकता भी कम हो सकती है। मॉडर्न मेडिकल साइंस इस विचार से सहमत नहीं है, लेकिन आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से यह महत्वपूर्ण है।

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खाने के साथ पानी पिएं या नहीं?

पानी एक अत्यंत महत्वपूर्ण पेय है, लेकिन खाने के साथ पानी पीने से बचना चाहिए। यदि भोजन पेट में लंबे समय तक रहता है, तो शरीर को अधिक पोषण मिलता है। अगर पानी अधिक मात्रा में पिया जाए तो भोजन जल्दी पेट से नीचे चला जाता है। यदि पानी पीना आवश्यक है, तो थोड़ा-सा पिएं और गुनगुना या सामान्य तापमान का पानी पिएं। बहुत ठंडा पानी पीने से बचें। पानी में अजवाइन या जीरा डालकर उबालें, यह पाचन में मदद करता है। खाने से आधे घंटे पहले या एक घंटे बाद गिलास भर पानी पीना अच्छा होता है।

लहसुन या प्याज खाने चाहिए या नहीं?

लहसुन और प्याज को रोजाना के आहार में शामिल किया जाना चाहिए। लहसुन फैट कम करता है और बैड कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) घटाकर गुड कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) बढ़ाता है। इसमें एंटी-बॉडीज और एंटी-ऑक्सिडेंट गुण होते हैं। प्याज भूख बढ़ाने और खून की नलियों के आसपास फैट जमा होने से रोकने में मदद करता है। लंबे समय तक इसका सेवन सर्दी-जुकाम और सांस संबंधी एलर्जी का मुकाबला करने में सहायक होता है। लहसुन और प्याज को कच्चा या भूनकर, दोनों तरीकों से खा सकते हैं। हालांकि, कच्चा लहसुन खाना अधिक फायदेमंद है। कच्चे लहसुन को निगलें नहीं, चबाकर खाएं क्योंकि इसमें ऐसे तेल होते हैं जो चबाने पर ही निकलते हैं और शरीर को लाभ पहुंचाते हैं।

परांठे के साथ दही खाएं या नहीं?

आयुर्वेद के अनुसार, परांठे या पूड़ी जैसी तली-भुनी चीजों के साथ दही नहीं खाना चाहिए क्योंकि दही फैट के पाचन में रुकावट डालता है। इससे फैट से मिलने वाली ऊर्जा शरीर को नहीं मिल पाती। अगर दही खाना ही है, तो उसमें काली मिर्च, सेंधा नमक या आंवला पाउडर मिला लें। रोटी के साथ दही खाना सही है। मॉडर्न साइंस के अनुसार, दही में गुड बैक्टीरिया होते हैं जो पाचन में मदद करते हैं, इसलिए दही का सेवन जरूर करें।

फैट और प्रोटीन एक साथ खाएं या नहीं?

घी, मक्खन, और तेल जैसे फैट्स को पनीर, अंडा, और मांस जैसे भारी प्रोटीन के साथ अधिक मात्रा में नहीं खाना चाहिए। दो प्रकार के खाद्य पदार्थ एक साथ खाने से वे एक-दूसरे की पाचन प्रक्रिया में दखल देते हैं, जिससे पेट में दर्द या पाचन संबंधी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।

दूध, ब्रेड और बटर एक साथ लें या नहीं?

दूध को अकेले लेना ही बेहतर है ताकि इसका पूरा लाभ शरीर को मिल सके। आयुर्वेद के अनुसार, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, और फैट की अधिक मात्रा एक साथ नहीं लेनी चाहिए क्योंकि ये एक-दूसरे के पचने में रुकावट डाल सकते हैं, जिससे पेट में भारीपन हो सकता है। मॉडर्न साइंस इस विचार से सहमत नहीं है और इसे सबसे अच्छे नाश्तों में से एक मानता है, क्योंकि यह संतुलित आहार है।

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